Path Ke Davedar

ebook

By Sarat Chandra Chattopadhyay

cover image of Path Ke Davedar

Sign up to save your library

With an OverDrive account, you can save your favorite libraries for at-a-glance information about availability. Find out more about OverDrive accounts.

   Not today
Libby_app_icon.svg

Find this title in Libby, the library reading app by OverDrive.

app-store-button-en.svg play-store-badge-en.svg
LibbyDevices.png

Search for a digital library with this title

Title found at these libraries:

Loading...

'पथ के दावेदार' उपन्यास-सम्राट स्व. श्री शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय की सर्वश्रेष्ठ रचना है। शरत बाबू के उच्चकोटि के, मौलिक, स्वदेशानुराग और देश सेवा के भावों से ओत-प्रोत होने के कारण इस उपन्यास का बड़ा महत्त्व समझा जाता है। जिस समय इस उपन्यास का प्रथम संस्करण बंगला में प्रकाशित हुआ था, उस समय एक तहलका-सा मच गया था और इसे खतरे की चीज समझकर ब्रिटिश-सरकार ने इस पुस्तक को जब्त कर लिया था। यह उपन्यास इतना महत्त्वपूर्ण समझा गया कि विश्व-कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने भी, शरत बाबू की इस रचना की मुक्त-कंठ से प्रशंसा की।

——————————-

अपूर्व के मित्र मजाक करते, ''तुमने एम. एस-सी. पास कर लिया, लेकिन तुम्हारे सिर पर इतनी लम्बी चोटी है। क्या चोटी के द्वारा दिमाग में बिजली की तरंगें आती जाती रहती हैं?''
अपूर्व उत्तर देता, ''एम. एस-सी. की किताबों में चोटी के विरुध्द तो कुछ लिखा नहीं मिलता। फिर बिजली की तरंगों के संचार के इतिहास का तो अभी आरम्भ ही नहीं हुआ है। विश्वास न हो तो एम. एस-सी. पढ़ने वालों से पूछकर देख लो।''

Path Ke Davedar